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Chemistry Glossaries Definitions Chemical Name

Chemistry Glossaries रसायन शब्दावली2





समुद्र जल- लवणीय स्वाद का द्रव, जिसमें 96.4% जल, 2.8% नमक, 0.4% मैग्नीशियम आयोडाइड तथा 0.2% मैग्नीशियम होता है।

सिलिका- कठोर अविलेय श्वेत उच्च गलनांक का ठोस, जो मुख्यत: SiO2 से बना होता है।

सिलिकन- अधातु, जिसका उपयोग कम्प्यूटर की इलेक्ट्रॉनिक चिप्स बनाने में होता है।

सोडियम वाष्प लैम्प- एक गैस विसर्जन, लैम्प, जिसमें सोडियम वाष्प का प्रयोग किया जाता है।

मृदु जल- जल, जो साबुन के साथ अधिक मात्रा में झाग उत्पन्न करे।

विलेयता- किसी पदार्थ की वह मात्रा, जो निश्चित ताप पर, 100 ग्राम विलायक को संतृप्त करने के लिए आवश्यक होती है, पदार्थ की विलेयता कहलाती है।

साबुनीकरण- वसा को सोडियम हाइड्रॉक्साइड की उपस्थिति में गर्म कर विघटित करने की क्रिया। साबुन में नमक मिलाने से उसकी घुलनशीलता कम हो जाती है।

स्टेनलेस स्टील- इसमें 89.4% लोहा, 10% क्रोमियम, 0.25% कार्बन तथा लगभग 0.35% मैंगनीज होता है। यह जंगरोधी है।

स्टील-स्टील में कार्बन की प्रतिशत मात्रा 0.25 से 1.5 तक होती है।

उर्ध्वपातन- वह प्रक्रम, जिसमें कोई ठोस गर्म करने पर बिना द्रव अवस्था में परिवर्तित हुए सीधे वाष्प में बदल जाता है तथा उसकी वाष्प ठण्डा करने पर बिना द्रव अवस्था में बदले पुन: सीधे ठोस अवस्था में परिवर्तित हो जाती है, उर्ध्वपातन कहलाता है, जैसे- आब्रोडीन, नैफ्थेलीन आदि।

भू-पर्पटी- इसमें सबसे अधिक (49.9%) बहुल तत्व ऑक्सीजन है और दूसरे नम्बर पर सिलिकन (26%)।

सुक्रोस- गन्ने के रस से प्राप्त शर्करा C12H22O11.
सुपर फॉस्फेट ऑफ लाइम- फॉस्फेटी उर्वरक।

संश्लेषित रेशे- इसका निर्माण कार्बनिक यौगिकों के बहुलकीकरण द्वारा किया जाता है, उदाहरण-सेलुलोस, कपास, जूट आदि।

नायलॉन पहला मानव निर्मित रेशा है। PVC एक थर्मोप्लास्टिक है। थायोकॉल एक संश्लेषित रबड़ है। प्राकृतिक रबड़ में आइसोप्रीन होता है।

टैनिन- पौधों में प्राप्त रंगहीन, अक्रिस्टलीय पदार्थों का एक समूह, जो जल में कोलॉइडी विलयन देता है।

टार्टरिक अम्ल- इमली तथा अंगूर में उपस्थित। क्रीम ऑफ टार्टर का उपयोग बैकिंग पाउडर में किया जाता है।

थोरियम- मोनाजाइट रेत से प्राप्त रेडियो सक्रिय धातु, जिसका उपयोग नाभिकीय ऊर्जा उत्पादन में होता है।

टाइटेनियम- यह अपने भार की तुलना में अधिक सुदृढ़ धातु है। यह संक्षारण का प्रतिरोधक तथा उच्च गलनांक वाला होता है। इसका उपयोग सेना के उपकरणों में किया जाता है। अत: इसे रणनीतिक धातु कहते हैं।

यूरेनियम- रेडियो सक्रिय धातु, जिसका उपयोग नाभिकीय ऊर्जा प्राप्त करने में होता है।

वनस्पति तेल- वनस्पतियों, जैसे-पत्ती, बीज, फल, जड़, आदि से प्राप्त तेल।

सिरका- 6-10% ऐसीटिक अम्ल का जलीय विलयन।

विटामिन- सी-ऐस्कॉर्बिक अम्ल सन्तुलित भोजन का एक आवश्यक अवयव।

वाटर गैस- हाइड्रोजन तथा कार्बन मोनोऑक्साइड मिश्रित ईंधन गैस।

ढलवां लोहा- इसमें 98.8-99.9% लोहा तथा 0.1-0.25% कार्बन होता है।

जर्कोनियम- श्वेत धातु, जिसका उपयोग मिश्र धातु तथा अग्निरोधी यौगिक बनाने में होता है।

नीऑन- रंगहीन अक्रिय गैस, जिसका उपयोग नीऑन ट्यूबों के रूप में विज्ञापन चिन्हों के रूप में होता है।

नाइट्रोजन- रंगहीन, गन्धहीन गैस, जो वायुमण्डल में 78% तक उपस्थित रहती है। यह प्रोटीन का आवश्यक घटक है।

उत्कृष्ट गैसें- आवर्त सारणी के शून्य वर्ग में 6 तत्व हैं- हीलियम, निऑन, आर्गन, क्रिप्टॉन, जीनॉन तथा रैडॉन। ये सभी गैसीय हैं और बहुत अक्रिय हैं, अत: इन्हें ही अक्रिय या निष्क्रिय या उत्कृष्ट गैसें कहते हैं। इन गैसों की प्राप्ति दुर्लभ (वायु में 1% से भी कम) होने के कारण इन्हें दुर्लभ गैसें भी कहते हैं।

अलौह धातुएं- आयरन तथा स्टील के अतिरिक्त अन्य धातुएं।

नाभिकीय विखण्डन- परमाणु नाभिक का अत्यधिक ऊर्जा उत्सर्जन के साथ दो या दो अधिक खण्डों में विखण्डन।
न्यूक्लियर पॉवर- नाभिकीय रिएक्टरों की सहायता से उत्पादित विद्युत् को न्यूक्लियर पॉवर कहते हैं।

नाभिकीय रिएक्टर- यह एक भट्टी है, जिसमें विखण्डनीय पदार्थ का नियन्त्रित नाभिकीय विखण्डन कराया जाता है।

न्यूक्लिक अम्ल- DNA तथा RNA जो न्यूक्लियोटाइड तथा न्यूक्लियोसाइड से मिलकर बने होते हैं।

अधिधारण- किसी धातु द्वारा गैस या ठोसों की धारणा क्षमता को व्यक्त करने अथवा किसी अवक्षेप द्वारा विद्युत्-अपघट्य के अवशोषण को व्यक्त करने की विधि।

ऑक्टेन संख्या- परीक्षण की मानक परिरिस्थतियों में किसी ईधन के मिश्रण की अपस्फोटन मात्रा को व्यक्त करने वाली संख्या।

अयस्क- उन खनिजों को, जिनसे धातु निष्कर्षित करना आर्थिक रूप से लाभदायक होता है, अयस्क कहलाते हैं।

कार्बनिक रसायन- रसायन की उपशाखा, जिसके अन्तर्गत कार्बन के यौगिकों का अध्ययन किया जाता है।

ऑर्थोहाइड्रोजन- हाइड्रोजन अणु दो रूपों में पाया जाता है, जिसका कारण उसके दोनों परमाणुओं के नाभिकों के प्रचक्रण की दिशा में अन्तर है। यदि नाभिकों का चक्रण एक दिशा में हो तो उसे ऑर्थोहाइड्रोजन कहते हैं।

परासरण- विलायक के अणुओं का अर्धपारगम्य झिल्ली में होकर शुद्ध विलायक से विलयन की ओर या तनु विलयन से सान्द्र विलयन की ओर स्वत: प्रवाह, परासरण कहलाता है।

ऑक्सैलिक अम्ल- अत्यधिक विषैला अम्ल, जो ऑक्सैलिक समूह की वनस्पतियों जैसे-रूबाई, सोरल, आदि में पाया जाता है। इसका उपयेाग छपाई, रंगाई एवं स्याही के निर्माण में होता है।

ऑक्सीकरण- परमाणुओं, आयनों या अणुओं द्वारा एक या अधिक इलेक्ट्रॉन त्याग करने की प्रक्रिया ऑक्सीकरण कहलाती है।

ओजोन- ऑक्सीजन का अपररूप, जो ऑक्सीजन पर सूर्य की अल्ट्रावायलेट विकिरणों के प्रभाव से बनता है।
अल्ट्रावालयेट प्रकाश की विकिरणों के प्रभाव से भू-पृष्ठ पर जीवों की रक्षा करने में ओजोन स्तर का विशेष महत्व है। क्लोरोफ्लुओरो कार्बन ओजोन स्तर का क्षय कर देते हैं।

फीनॉल- ऐरोमैटिक यौगिक, C6H5OH जिसका उपयोग कीटाणुनाशक एवं प्रतिरोधी के रूप में होता है।

प्रकाश-रासायनिक धूम/कुहरा- यह वाहनों तथा कारखानों से निकलने वाले नाइट्रोजन के ऑक्साइडों तथा हाइड्रोकार्बनों पर सूर्य के प्रकाश की क्रिया के कारण उत्पन्न होता है। यह सामान्यतः घनी आबादी वाले उन शहरों में होता है, जहां पेट्रोल व डीजल वाले वाहन बहुत अधिक मात्रा में चलते हैं और नाइट्रिक ऑक्साइड निकालते हैं। इससे आंखों में जलन होती है और आंसू आ जाते हैं। यह कुहरा श्वसन तन्त्र को भी हानि पहुंचाता है। इस कुहरे की भूरी धुंध NO2 के भूरे रंग के कारण होती है। NO से रासायनिक अभिक्रिया द्वारा NO2 बन जाती है।

दाब रसायन- रसायन की वह शाखा जिसके अन्तर्गत रासायनिक अभिक्रियाओं तथा प्रक्रमों पर उच्च दाब के प्रभाव का अध्ययन किया जाता है।

कच्चा लोहा- वात्य भट्टी से प्राप्त अशुद्ध आयरन को कच्चा लोहा कहते हैं। इसमें 2-4.5% तक कार्बन होता है।

बहुलकीकरण- वह प्रक्रम, जिसमें बड़ी संख्या में सरल अणु एक-दूसरे से संयोग करके उच्च भार का एक वृहत् अणु बनाते हैं, बहुलकीकरण कहलाता है।

बहुलक- बहुलकीकरण के फलस्वरूप बने उच्च अणु भार के यौगिक बहुलक कहलाते हैं।

पोटैशियम परमैंगनेट- बैंगनी क्रिस्टलीय ठोस KMnO4 जिसका उपयोग जल के शोधन एवं प्रतिरोधी के रूप में होता है।

चूर्ण धातुकी- धातुकर्म की एक विधि, जिसमें धातुओं का चूर्ण बनाकर सम्पीडन द्वारा उससे उचित आकार की वस्तुएं बनाई जाती हैं|

प्रूफ स्पिरिट- एथिल ऐल्कोहॉल का जलीय विलयन, जिसमें भार के अनुसार 49.28% एथिल ऐल्कोहॉल होता है।

प्रोटीन- उच्च अणु भार के नाइट्रोजन युक्त जटिल कार्बनिक यौगिक, जो सभी जीवित कोशिकाओं में पाये जाते हैं। एन्जाइम तथा हॉर्मोन भी प्रोटीन से बने होते हैं।

ताप-अपघटन- वायु की अनुपस्थिति में उच्च ताप पर गरम करने से कार्बनिक यौगिकों का तापीय अपघटन उनका ताप-अपघटन कहलाता है।

क्विक सिल्वर- पारे का दूसरा नाम।

जंग लगना- आयरन को नम वायु में रखने पर उसके पृष्ठ पर धीरे-धीरे रंग का हाइड्रेटेड फेरिक ऑक्साइड, Fe2O.XH2O की परत का जमना जंग लगना कहलाता है।

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